नवीन राजकुवंर के आदिवासी लोक गीतों पर झूमे श्रोता : त्रिवेणी मेला

नवीन राजकुवंर के आदिवासी लोक गीतों पर झूमे श्रोता : त्रिवेणी मेला

नवीन राजकुवंर के आदिवासी लोक गीतों पर झूमे श्रोता : त्रिवेणी मेला


रतलाम। नगर निगम द्वारा 14 से 24 दिसम्बर तक त्रिवेणी के पावन तट पर आयोजित ग्यारह दिवसीय त्रिवेणी मेले के तीसरे दिन धार के आदिवासी लोक गीत गायक नवीन राकुवंर ने अपने सुमधुर कंठ से एक से बढ़कर एक लोक गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम की शुरूआत कलाकारों ने भगवान श्री गणेश वंदना से कि इसके बाद आदिवासी लोक गीत गायक श्री नवीन राजकुंवर ने आदिवासी गीत.. आमि काका बाबा ना पोरिया, राजस्थानी गीत, हल्दीघाटी में समर लड्यो वो महाराणा प्रताप कठे जैसे कई आदिवासी एवं राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति दी साथ ही गायिका रूपल राजकुंवर के राजस्थानी एवं खाटू श्याम के भजनों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। 
डांस ग्रुप द्वारा आदिवासी लोक नृत्य एवं राजस्थानी नृत्य, मोर मोरनी नृत्य, घोड़लियो नृत्य, शेर पर सवार माता शेरावाली की झांकी कि प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में श्रोताओं की फरमाईश पर नवीन राजकुंवर द्वारा राष्ट्रगीत दिल दिया है जान भी देंगे ए वतन तेरे लिए, मोहे चढ़ गयो भगवा रंग, जैसे गीतों पर श्रोताओं ने झूम झूम कर आनंद लिया, कार्यक्रम के एंकर संतोष द्वारा फिल्मी कलाकारों की मिमिक्री एवं हुबहु पार्श्व गायक महेंद्र कपूर एवं रविंद्र जैन की आवाज में महाभारत के श्लोक एवं रामायण की चौपाइयां सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रारंभ में भजन संध्या के कलाकारों का स्वागत सामान्य प्रशासन समिति प्रभारी श्री धर्मेन्द्र व्यास, सामान्य प्रशासन समिति सदस्य श्रीमती कविता चौहान, पार्षद श्रीमती आयुषी सांकला के अलावा हेमन्त राहौरी, राजेन्द्र चौहान आदि ने पुष्पमाला व पुष्प गुच्छ से किया।