प्रशासन ने दी सफाई: ‘हमारे अधिकार’ की खबर का असर, नागरिकों को मिली राहत

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प्रशासन ने दी सफाई: ‘हमारे अधिकार’ की खबर का असर, नागरिकों को मिली राहत
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प्रशासन ने दी सफाई: ‘हमारे अधिकार’ की खबर का असर, नागरिकों को मिली राहत

रतलाम। 08 दिसंबर 2024: जिला कलेक्टर कार्यालय और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धरना-प्रदर्शन और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश के बाद फैले संशय को दूर करने के लिए कलेक्टर राजेश बाथम ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इस स्पष्टीकरण के अनुसार, नागरिकों, संगठनों या समूहों द्वारा ज्ञापन और आवेदन देने पर कोई रोक नहीं है।  

हमारे अधिकार’ की खबर का असर

लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा को लेकर 'हमारे अधिकार न्यूज' ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। पोर्टल की रिपोर्ट में प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेश की खामियों और अस्पष्टता की ओर ध्यान दिलाया गया। खबर के प्रकाशन के बाद नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस आदेश की आलोचना करते हुए इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया।  

क्या था मामला ?

7 दिसंबर 2024 को कलेक्टर द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत दो माह के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया था। इसमें कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय के आसपास धरना, प्रदर्शन और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक लगाई गई थी। इस आदेश के बाद यह भ्रम फैल गया कि ज्ञापन और शिकायत दर्ज कराने पर भी रोक लगा दी गई है।  

प्रशासन ने दी सफाई

‘हमारे अधिकार’ की खबर के बाद प्रशासन ने 8 दिसंबर की शाम को स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा:  

- ज्ञापन और आवेदन देने पर कोई रोक नहीं है।  

- प्रतिबंध केवल धरना, प्रदर्शन और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर है।  

- आदेश का उद्देश्य केवल लोक व्यवस्था और शासकीय कार्य में व्यवधान को रोकना है।  

लोकतंत्र और अधिकारों की जीत

‘हमारे अधिकार न्यूज' की प्रभावी पत्रकारिता और जन जागरूकता अभियान ने यह साबित कर दिया कि मीडिया लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में एक अहम भूमिका निभाता है। खबर के असर से प्रशासन को न केवल स्पष्टीकरण देना पड़ा, बल्कि जनता के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई।  

यह घटना दर्शाती है कि सशक्त पत्रकारिता और जागरूक नागरिक मिलकर लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

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