रतलाम पुलिस की साजिश बेनकाब, रिश्वतखोरी, जमानत निरस्तीकरण की धमकी और न्यायालय की अवहेलना
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रतलाम पुलिस की साजिश बेनकाब, रिश्वतखोरी, जमानत निरस्तीकरण की धमकी और न्यायालय की अवहेलना
रतलाम, 25 फरवरी 2025:
रतलाम पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है! थाना स्टेशन रोड, रतलाम के SI प्रेमसिंह हटिला और अन्य पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने रिश्वत लेकर एक आरोपी को झूठा फंसाने की साजिश रची, न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की और अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।
पुलिस ने जमानत के बाद भी की गिरफ्तारी की कोशिश, पैसे न मिलने पर बढ़ाई धारा!
- अमन खान नामक युवक को 13 अगस्त 2024 को विशेष न्यायालय, रतलाम से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी ।
- जमानत आदेश के बावजूद SI प्रेमसिंह हटिला ने 2 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और जब पैसे नहीं मिले, तो जमानत निरस्त करवाने और गिरफ्तारी करने की धमकी दी।
- 50,000 रुपये देने के बावजूद, 1.5 लाख रुपये की मांग जारी रही।
- जब अमन खान के परिवार ने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो 18 अक्टूबर 2024 को पुलिस ने IPC धारा 409 जोड़ दी, ताकि उसे गिरफ्तार किया जा सके।
- SI हटिला ने फरियादी से मिलकर जमानत निरस्त करने का आवेदन भी जबरन न्यायालय में लगवा दिया।
पुलिस की साजिश: आरोपी को झूठा फरार दिखाने की कोशिश!
- पुलिस ने न्यायालय और फरियादी को गुमराह करते हुए कहा कि अमन खान फरार है, जबकि वह अपने पते पर ही मौजूद था।
- जब अमन खान के पिता अमजद खान ने DIG को शिकायत भेजी, तो भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
- बिना जांच किए ही पुलिस ने झूठा "फरारी पंचनामा" तैयार कर लिया।
SP और ASP की चुप्पी संदिग्ध, न्यायालय ने मांगा जवाब!
- पुलिस अधीक्षक (SP) रतलाम ने SI प्रेमसिंह हटिला को 7 फरवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
- 14 फरवरी को दोबारा पुलिस अधीक्षक (SP) रतलाम ने SI प्रेमसिंह हटिला को नोटिस जारी किया गया और कहा गया कि लौटती डाक में आपका जवाब होना चाहिए, लेकिन SI प्रेमसिंह हटिला की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया।
- 20 फरवरी को ASP ने पाया कि धारा 409 IPC जोड़ने से पहले अभियोजन अधिकारी से कोई कानूनी राय नहीं ली गई थी।
- 22 फरवरी को विशेष न्यायालय ने पुलिस की मनमानी पर सीधा सवाल उठाते हुए व्यक्तिगत स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए।
पुलिस की पोल खुली: न्यायालय ने कहा- गिरफ्तारी नहीं कर सकते!
- न्यायालय ने पाया कि पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए मनगढ़ंत आधार बनाए।
- ASP ने 24 फरवरी को न्यायालय में रिपोर्ट दी, जिसमें कहा गया कि बिना अनुमति गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
- SP और ASP ने भी माना कि SI प्रेमसिंह हटिला की भूमिका संदिग्ध है और जांच चल रही है।
क्या रतलाम पुलिस ने पैसा लेकर केस में बदलाव किए?
इस पूरे मामले में यह साफ हो रहा है कि—
- SI प्रेमसिंह हटिला ने रिश्वत लेकर आरोपी को फंसाने की साजिश रची।
- पुलिस अधीक्षक और ASP को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की।
- अगर न्यायालय ने हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो पुलिस आरोपी को झूठा फरार दिखाकर उसकी जमानत निरस्त करा चुकी होती।
- इससे पहले भी SI हटिला पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, लेकिन उन्हें बचाने के लिए कोई न कोई अधिकारी आगे आ जाता है।
अब क्या होगा? पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज या बचा लिया जाएगा?
1. SI प्रेमसिंह हटिला पर रिश्वतखोरी और न्यायिक आदेशों की अवहेलना के कारण निलंबन लगभग तय माना जा रहा है।
2. अगर न्यायालय पुलिस की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुआ, तो SP और ASP पर भी कार्रवाई हो सकती है।
3. अगर रिश्वतखोरी के सबूत मिलते हैं, तो SI प्रेमसिंह हटिला के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
4. न्यायालय इस केस की पूरी जांच SIT (विशेष जांच दल) को भी सौंप सकता है, जिससे रतलाम पुलिस का बड़ा खुलासा हो सकता है।
क्या अब रतलाम पुलिस को जवाब देना मुश्किल होगा?
यह मामला अब सिर्फ धोखाधड़ी का नहीं, बल्कि रतलाम पुलिस की गिरती साख, रिश्वतखोरी, शक्ति के दुरुपयोग और न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश का भी बन चुका है। अगर पुलिस विभाग ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, तो—
- ASP भी कटघरे में आ सकते हैं।
- SI प्रेमसिंह हटिला को निलंबित करना ही पड़ेगा।
- न्यायालय पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकता है।
अब देखना यह है कि क्या रतलाम पुलिस अपनी कार्यशैली पर सफाई देने में सक्षम होगी, या फिर इस भ्रष्टाचार की सच्चाई न्यायालय के सामने पूरी तरह उजागर होगी!
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