रतलाम में गुंडाराज, अब वकील भी सुरक्षित नहीं, पुलिस कह रही ‘छोटी सी बात’!
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रतलाम में गुंडाराज, अब वकील भी सुरक्षित नहीं, पुलिस कह रही ‘छोटी सी बात’!
रतलाम। शहर में अब बदमाशों के लिए किसी का डर नहीं बचा! सड़क पर टहलना भी खतरे से खाली नहीं, खासकर अगर आप वकील हैं! ताजा मामला एडवोकेट मोहम्मद जुबेर खान पर हुए हमले का है, जहां गुंडों ने खुलेआम हमला किया और जाते-जाते चुनौती भी दे गए— "इस बार बच गया, अगली बार नहीं बचेगा!"
इधर बदमाश इतने प्रोफेशनल हो चुके हैं कि ‘ढाई लाख की केटीएम बाइक’ से आते हैं, धारदार हथियार से हमला करते हैं और फिर हवा में गायब हो जाते हैं। उधर, पुलिस भी उतनी ही प्रोफेशनल है—बाइक जब्त कर ली, लेकिन बदमाश पकड़ने की जहमत नहीं उठाई! आखिर क्यों उठाए? बदमाशों का 'व्यक्तिगत जीवन' भी तो प्रभावित हो सकता है!
रात में मत निकलो, वरना अस्पताल जाओगे!
गुरुवार रात करीब 10:45 बजे, एडवोकेट जुबेर बरकाती अपने साथियों के साथ खाना खाने के बाद टहलने निकले थे। लेकिन रतलाम की सड़कों पर टहलना अब योगा करने जितना खतरनाक हो चुका है। अचानक, बाइक सवार दो बदमाश आए और बिना किसी नोटिस के वकील साहब के गले पर धारदार हथियार से वार कर दिया। वकील साहब के बच जाने पर भी बदमाशों ने जाते-जाते घोषणा कर दी— "इस बार बच गया है,लेकिन अगली बार नहीं बचेगा !"
अब सवाल उठता है कि ये बदमाश हैं या किसी वेब सीरीज के डायलॉग राइटर?
पुलिस की लाजवाब ‘स्मार्टनेस’!
अब असली ड्रामा तब शुरू हुआ जब मामला पुलिस के पास पहुंचा। एफआईआर तो दर्ज हो गई, लेकिन जब पत्रकारों ने सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया से सवाल किया, तो उनका जवाब था— "छोटी सी घटना है!"
अब सोचिए, अगर वकील पर धारदार हथियार से हमला ‘छोटी घटना’ है, तो फिर बड़ी घटना क्या होती? शायद पुलिस तब जागेगी जब बदमाश ‘अगली बार नहीं बचेगा’ वाले वादे को पूरा कर देंगे!
बाइक जब्त, पर बदमाश गायब! ये कौन सा जादू है?
अब इस कहानी में एक और ट्विस्ट आया! पुलिस ने हमलावरों की ढाई लाख की केटीएम बाइक तो जब्त कर ली, लेकिन हमलावरों का कोई पता नहीं! यानी बाइक अकेले घूमने निकली थी? या फिर यह बाइक कोई ‘भूतिया’ वाहन है जो खुद ही चलता है? अगर बाइक पकड़ी गई है, तो मालिक का भी पता चल गया होगा, लेकिन पुलिस को ये ‘छोटी सी बात’ समझ नहीं आई!
रतलाम में अपराधियों का ‘फ्रीडम फेस्टिवल’
ये पहला मामला नहीं है। स्टेशन रोड थाना क्षेत्र में पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं—
थाने के सामने मारपीट
लोडिंग गाड़ी में तोड़फोड़
शराब दुकान में उत्पात
अब वकील पर हमला!
साफ है, बदमाशों के लिए रतलाम ‘क्राइम टूरिज्म’ का नया गढ़ बनता जा रहा है! और पुलिस? वो ‘छोटी घटना’ वाले बयान देकर छुट्टी मना रही है।
अगला टारगेट कौन?
अब सवाल यह है कि अगला नंबर किसका है? कोई पत्रकार? कोई डॉक्टर? या फिर कोई आम नागरिक? जब कानून के रक्षक ही सुरक्षित नहीं, तो आम जनता से सुरक्षा की उम्मीद करना मूर्खता होगी।
तो रतलाम के नागरिकों, रात में घर से निकलना बंद कर दो! या फिर हेलमेट पहनकर और सुरक्षा कवच के साथ निकलो, क्योंकि पुलिस तो सो रही है और बदमाश मौज कर रहे हैं!
अब देखना यह है कि पुलिस असली गुनहगारों को पकड़ती है या फिर किसी ‘भूलभुलैया’ स्टाइल में किसी बेगुनाह को पकड़कर मामला रफा-दफा कर देती है!