कागजों में बंद चेक पोस्ट लेकिन सरकार के लिए अब भी करोडो की वसूली जारी
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कागजों में बंद चेक पोस्ट लेकिन सरकार के लिए अब भी करोडो की वसूली जारी
24 चेकपोस्ट पर प्रतिवर्ष ₹ 5000 करोड की अवैध वसुली
केन्द्र द्वारा मप्र के चेकपोस्ट पर भारी भ्रष्टाचार की शिकायत
GST काउंसिल की बैठक मे स्वीकृति के बाद भी चेकपोस्ट बंद नही किये
रतलाम@हमारे अधिकार न्यूज़, जुलाई2017 में जीएसटी लागू होते वक्त मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य की सीमा पर बने 24 चेक पोस्ट को तीन माह मे बंद करने का आश्वासन देने के बाद भी उसे बंद नहीं किया जाना, शिवराज सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का जीता जागता उदाहरण है । इन चेक पोस्टों पर प्रतिवर्ष ₹5 हजार करोड़ की अवैध वसूली हो रही है , और भाजपा सरकार के कार्यकाल में अभी तक ₹50 हजार करोड की अवैध वसूली की जा चुकी है । यह आरोप प्रदेश कांग्रेस आरोप पत्र समिति के उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाया ।
सकलेचा ने कहा कि 2015 से 2017 तक जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों के साथ मध्य प्रदेश सरकार ने भी अपनी राज्य की सीमा पर बने हुए चेकपोस्ट 3 माह में बंद करने का आश्वासन दिया था । उसे बंद करने की जगह पिछले 7 साल में 4 और अस्थाई चेकपोस्ट समय-समय पर खोल दिए गए ।
10 जुलाई 2020 को आमागढ बालाघाट मे अस्थायी चेकपोस्ट चौकी खोली गई ।
6 सितंबर 2021 को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने शिवराज सरकार को पत्र लिखकर जीएसटी लागू होने के बाद चेक पोस्ट को बंद करने का पुनः एक बार कहा । यह भी कहा कि अधिकांश राज्य सरकार और केंद्र शासन ने चेकपोस्ट को बंद कर दिया है । उसके बाद भी शिवराज सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की । अपितु यह रिपोर्ट भेज दी की मोटर यान अधिनियम 1988, 1989, 1994 तथा कराधान अधिनियम 1991 के अनुसार कर एवं शमन शुल्क वसूलने के लिए चेक पोस्ट होना जरूरी है ।
अगस्त 2022 में केंद्र सरकार ने पुनः एक चिट्ठी लिखते हुए नाराजी व्यक्त की कि मध्यप्रदेश के चेक पोस्ट पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है । उन्हें तत्काल बंद किया जाए । लेकिन उसके बाद भी शासन ने कोई कार्यवाही नहीं की ।
1 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र के अनुक्रम मे 15 सितंबर 2022 को परिवहन आयुक्त को चेक पोस्ट के मामले में रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेश दिया गया । आज तक उन्होंने किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट पेश नहीं की ।
मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा आवाज बुलंद करने पर तथा विधानसभा में प्रश्न की कार्यवाही पर 27 दिसंबर 2022 को समीक्षा के लिये तीन अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई , कि वह चेक पोस्ट पर 3 माह में अपनी रिपोर्ट पेश करें । आज पांच माह होने के बाद भी उस कमेटी ने कोई रिपोर्ट पेश नहीं की , तथा आज भी चेक पोस्ट पर अवैध वसूली का कार्य युद्ध स्तर पर चालू है ।
दैनिक भास्कर द्वारा मध्य प्रदेश के 3 चेकपोस्ट , सेंधवा पिटोल तथा नयागांव पर किये स्टिंग ऑपरेशन में जो चौकानेवाले तथ्य उजागर हुए हैं वह चेक पोस्ट के लूट की कहानी को सत्यापित करते हैं । दैनिक भास्कर की टीम के स्टिंग ऑपरेशन से निकल कर आया है कि सेंधवा चेक पोस्ट पर प्रतिमाह ₹24 करोड , पिटोल चेक पोस्ट पर प्रतिमाह ₹12 करोड और नयागांव चेकपोस्ट पर प्रतिमाह ₹16 करोड की अवैध वसूली हो रही है । साथ ही वाहनों को 6 से 8 घंटे तक अनावश्यक रोका जा रहा है ।
चेकपोस्ट की इस लुट से प्रदेश में ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 17.5% है जो देश के सबसे उन्चे पायदान पर है । जबकि देश की औसत ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट 13.5%% है , जिसे केन्द्र ने पान्च साल मे 7.5% पर लाने का लक्ष्य तय किया है ।
प्रदेश की हायर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट के कारण महंगाई अन्य राज्य की तुलना में ज्यादा है । और इस कारण से राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (SGDP) निरंतर गिर रहा है ।
सकलेचा ने आरोप लगाया कि चेकपोस्ट को बंद नही करने मे सत्ता के शिखर का हाथ है । और केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश के बाद , आदेश के बाद भी इसे बंद नही करना इस लुट की कहानी के सत्य को स्थापित करता है ।