विकास पुरुष ने काम करने का वादा तो किया था लेकिन कैसे ! विधायक महोदय के पांच साल 

Ratlam, MLA, Chetanya Kashyap,

विकास पुरुष ने काम करने का वादा तो किया था लेकिन कैसे ! विधायक महोदय के पांच साल 
MLA Chetanya Kashyap Ratlam

विकास पुरुष ने काम करने का वादा तो किया था लेकिन कैसे ! विधायक महोदय के पांच साल 

जी हां हम बात कर रहे है रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप की हमारे विधायक महोदय ने विगत पांच वर्षो में शहर को यू तो बहोत सी सोगाते दी शायद आम जन को वो पता नही लेकिन हम बात करे पूरे पांच साल की तो उसमें से लगभग 14 महीने कांग्रेस की सरकार रही प्रदेश में कोरोना महामारी भी चुनाव को छोड़ कर बाकी समय सक्रिय रही इन सब के बीच अगर हम शहर में विकास की बात करे तो हमे ऐसा लगता है विकास करने का वादा तो माननीय विधायक ने किया था लेकिन वो विकास होते–होते पूरे पांच साल ले लेगा ये नही बताया था जहां से प्रदेश के छोटे से बड़े नेता,अभिनेता या किसी बड़े अधिकारियों की गाड़ी चलती है वो सड़के साहब ! इतनी बेहतर किस्म की आपको मिलेगी की आपको लगेगा रतलाम की सड़के वाह साहब क्या बनाई है लेकिन वो सड़के आपको कुछ ऐसे मार्ग जहां हमने आपको बताया नेता से लेकर बड़े मंत्रियों का आना जाना होता रहता है अब बात करे उन विकास की जो विगत कुछ तो पांच साल से और कुछ उसके भी पूर्व से चल रहे है लेकिन अब तक वो चींटी से भी धीमी चाल से चल रहे है शायद उस निर्माण को भी अब प्रधानमंत्री के आने की उम्मीद से बनने या शायद आगामी चुनाव तक होने की गुंजाइश है अब बात करे सुभाष नगर आरओबी ब्रिज की तो इसकी निर्माण गति की तारीफ तो विधायक महोदय खुद ही करे तो बेहतर है पता नहीं इस ब्रिज को लेकर ऐसी कौन सी इंजीनियरिंग लगाई गई है की ब्रिज विगत पांच वर्ष होने के बाद भी अब तक पूरा नहीं हो सका है पहले कोरोना की परेशानी ,फिर बजट की परेशानी शायद आगामी चुनाव से पहले निर्माण पूरा करा कर नेताजी उसे अपनी सफलता का मुद्दा बना ले! 
यू तो शहर में करोड़ों से लेकर अरबों रूपिए की सौगात चंद दिनों में जारी कर पूरी करवा दी गई कही तो अरबों के प्रोजेक्ट पर मिट्टी तक डल गई है लेकिन जमीनी स्तर पर वो प्रोजेक्ट जीरो साबित हुआ है जी हां ! हम बात कर रहे है निगम द्वारा अरबों खर्च कर बनाए गए सीवरेज प्रोजेक्ट की सीवरेज प्रोजेक्ट अधिकतम जगह जीरो साबित हुआ अब उसे इतना पैसा खर्च होने के बाद भी प्लानिंग में कमी बोलो या और अभी अरबों का बजट बाकी रह गया है ये बोलो सीवरेज प्रोजेक्ट ऐसा लगता है कॉन्ट्रैक्ट कंपनी और अधिकारियों की जेब भरने का प्रोजेक्ट ही बना था।
अब हम बात करे शहर जिला सहित पूरे देश में लोगो की मूल भूत संवैधानिक जो जरूरत है उसकी तो वो है सबसे पहले शिक्षा, चिकित्सा, पानी आम व्यक्ति की ये तीन मूल ज़रूरतें है जिसका पहले पूरा होना जरूरी है लेकिन शिक्षा की बात करे तो भले ही प्रदेश सरकार डंका बजा ले की हमने शिक्षा का स्तर ऊंचा कर दिया है तो वो झुटी बाते है क्योंकि अब भी अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल से ज्यादा प्राइवेट स्कूल भेजना ज्यादा पसंद करतें है क्योंकि सरकारी स्कूलों की खस्ता हाल स्थिति का आज़ादी के बाद से अब तक कोई सुधार नहीं हो सका अरबों के बजट के बाद भी स्थिति बदहाल!
अब बात करे चिकित्सा की तो यूं तो विधायक महोदय के प्रयास से शहर को मेडिकल कॉलेज की सौगात तो मिली लेकिन वो शायद एक टीन का डब्बा रूपी साबित लग रही है जहां दिखावट तो किसी महानगर की लेकिन अंदर से खाली खोखला टीन का डब्बा! 
सिर्फ दिखावे का मेडिकल कॉलेज जहां आमजन ने कोरोना महामारी में भी इलाज करवाने जाने से पहले ये सोचा था की मेडिकल कॉलेज जो जाएगा वो लौट कर नहीं आयेगा ! शायद यही बात सोचकर उन दिनों कुछ लोग तो रतलाम जिले या प्रदेश से बाहर अपना इलाज करवाने गए थे हम ये नही कहते की माननीय विधायक द्वारा दिलवाई गई सौगात सही नही है सौगात तो सही दी लेकिन जो खर्च हुआ उसका फायदा भी तो आमजन अब तक नही उठा पा रहा है अभी भी जिला चिकित्सालय से लेकर तो मेडिकल कॉलेज तक आमजन भटकता रहता है साथ ही कॉलेज में आए डॉक्टर्स मार्केट में बैठ कर अपनी दुकानदारी जमाने में मस्त है इलाज के नाम पर अब भी आमजन जिला या प्रदेश छोड़कर इलाज करवाने जाने मे विश्वास रखता है ऐसा क्यो ! क्यों विकास पुरुष के होते विकास अधूरे पड़े है।
विधायक महोदय विकास पुरुष के ज्ञानधेय में शहर में अतिक्रमण मुहिम भी चल रही है लेकिन आम जन को वह एक पक्षीय दिखती है जहा गरीबों की रोजी रोटी कमाने की गुमटियों को विकास के नाम पर नष्टो नाबूद कर दिया वही शहर के मुख्य बाजार चांदनी चौक,माणक चौक, चौमुखी पूल,घांस बाजार का अतिक्रमण नही हटाने का कारण क्या है पूछती है जनता ! इस एरिया में क्या प्रशासन ओर नेताओ की नही चलती आमजन जो किसी बड़े नेता मंत्री का दबाव नही डलवा सकता उस पर सारी कार्यवाही लाद दी जाती है।
अब बात करे तीसरी मूल भूत जरूरत की तो वो है सबसे अनमोल पानी की पानी पूरे शहर में दिया तो जा रहा है लेकिन इतना गटर नुमा गंदा दिया जा रहा है की आम जन मजबूरी में उसे पीना भी पसंद कर रहा है और नहाना भी कुछ लोगो ने तो गंदे पानी की समस्या से निजात नही मिलने पर आरओ वाटर कैन अपने घरों में भी लेना शुरू कर दी है शायद गंदा पानी देकर निगम उन आरओ वाटर सप्लायर्स का भी सहयोग कर रहा है जिन्होंने लाखो रुपया प्लांट खोलने में लगाया है या हो सकता हो इस व्यापार में कोई साहूकार भी हो जो प्लांट चलाता हो जिसके व्यापार व्यवसाय में इज़ाफे के लिए निगम ने गंदे पानी को देने की कवायद को लागू कर दिया है।
निगम द्वारा जल प्रदाय में भी लाखो खर्च किए जाते है लेकिन समस्या जस की तस!
विधायक महोदय विकास पुरुष आपने जहां एक वार्ता में नर्मदा का पानी रतलाम लाने की बात कही पहले सिर्फ रतलाम को माही नदी ही ला दो ! और उसके भी पहले नर्मदा से पाइप लाइन लाने से पहले अभी धोलावाड़ से जो पाइप लाइन रतलाम शहर में लगी है उसे ही दुरुस्त करवा दो ताकि जो पानी पूरे साल शहर को मिलता है वो पीने और नहाने लायक तो हो जाए। 

वही अगर एक और बात की जाए हमारे माननीय विधायक महोदय की तो उनके वादों में रतलाम जिले में कई उद्योग भी बसाने की बात की गई थी लेकिन उद्योग कई तो नही बसे लोकल के ही जो लखपति थे उसके लिए करोड़ों लोन लेने के लिए इंडस्ट्रियल हब बन गए।

कोई बड़ी इंडस्ट्री तो बाहर की नही आ सकी क्योंकि जो इंट्रियल है शायद उन्हें ही मूल भूत सुविधाए उपलब्ध नहीं हो सकी या तो फिर जो इंडस्ट्रियल है वो किसी और को आने देना नही चाहते।

 
तो हमारे माननीय विधायक विकास पुरुष श्री चैतन्य काश्यप के विकास के वर्षो का लेखा और भी बहोत है आज के लिए बस इतना ही तो हमे अपनी राय ज़रूर बताएं और हमे मैसेज कर बताए अपनी हर वो समस्या जिसका संवैधानिक समाधान हो सके।