स्थानीय प्रशासन का तानाशाही रवैया: रतलाम जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की उड़ाई धज्जियां : Ratlam News
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स्थानीय प्रशासन का तानाशाही रवैया: रतलाम जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश की उड़ाई धज्जियां
रतलाम, म. प्र. हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक के स्पष्ट आदेश के बावजूद, रतलाम जिला प्रशासन ने न्यायपालिका के आदेश की अवहेलना करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को अंजाम दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें प्रशासन की मनमानी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
क्या है पूरा मामला !
27 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट, इंदौर ने मज़हर और अन्य बनाम राज्य सरकार के मामले में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि याचिकाकर्ताओं द्वारा अपील दाखिल करने और उस पर निर्णय होने तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक रहेगी। बावजूद इसके, रतलाम के जिला प्रशासन ने इस आदेश को नजरअंदाज करते हुए 16 अगस्त 2024 के आदेश के तहत कार्रवाई जारी रखी।
न्यायपालिका के आदेश की अवहेलना
यह घटना न केवल न्यायपालिका के आदेशों की अवमानना है, बल्कि यह दर्शाती है कि रतलाम जिला प्रशासन कानून और न्यायिक प्रक्रिया की परवाह किए बिना अपनी मनमानी पर उतारू है। सवाल यह उठता है कि क्या जिला प्रशासन अब न्यायपालिका से भी ऊपर हो गया है?
पीड़ित पक्ष की प्रतिक्रिया
पीड़ित पक्ष ने इस अन्यायपूर्ण कदम पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, "हमें हाईकोर्ट से न्याय की उम्मीद थी, लेकिन जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश को भी अनदेखा कर दिया। यह हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन है।"
सोशल मीडिया पर नाराजगी
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने जिला प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर प्रशासन खुद कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करता, तो आम नागरिक कैसे न्याय की उम्मीद कर सकते हैं !
प्रशासन पर बड़े सवाल
रतलाम जिला प्रशासन का यह रवैया न केवल उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र की विश्वसनीयता को भी कमजोर करता है। क्या यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी नहीं है !
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इस मामले में जिला प्रशासन की भूमिका पर उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है। यदि इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह न्याय व्यवस्था और लोकतंत्र के लिए गहरा आघात साबित हो सकता है।
खबर के आखिर में नीचे क्लिक कर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखे।