उज्जैन में एएसपी और सीएसपी ने की पीएचई के सब-इंजीनियर की पिटाई आयोग ने लिया संज्ञान

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उज्जैन में एएसपी और सीएसपी ने की पीएचई के सब-इंजीनियर की पिटाई आयोग ने लिया संज्ञान
Human Right Commission Bhopal Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने ’छह मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
 
डीजल बचाने के लिये हवा में घोल रहे जहर

भोपाल/हमारे अधिकार न्यूज, मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा शहर के 180 ठिकानों पर शहर से निकलने वाले कचरे में आग लगाकर शहर की आब-ओ-हवा को को दूषित कर वातावरण में जहर घोलने संबंधी एक विस्तृत मीडिया रिर्पोट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिर्पोट के मुताबिक नगर निगम के कर्मचारी डीजल बचाने के लिए जहां तहां कचरे के ढेर में आग लगा देते हैं जबकि इन सफाईकर्मियों को कचरे में इकट्ठा कर तय डपिंग यार्ड तक पहुचाना होता है। नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि निगम की सीमा क्षेत्र में कचरा जलाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यदि का्रेई कहीं कचरा जलाता है तो लापरवाही करने वाले के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। मामले में आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।

अफसर भोजन-नाश्ता के भुगतान करने पर काट लेते हैं 30 प्रश कमीशन, बच्चों का पेट भरना हो रहा मुश्किल

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सीहोर जिले में प्रान्तीय महिला स्वसहायता समूह महासंघ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टेªट सीहोर में दिये गये उस ज्ञापन पर संज्ञान लिया है जिसमें महासंघ के लोगों ने आरोप लगाया है कि जिले में बच्चों का विकास योजना कार्यालय में सीडीपीओ के माध्यम से 20 से 30 प्रतिशत कमीशन भोजन नाश्ता के भुगतान करने पर अवसरों द्वारा लिया जा रहा है। इससे बच्चों को भोजन नाश्ता की क्वालिटी ठीक नहीं मिल रही है और बच्चों में कुपोषण घटने के बजाये बढता जा रहा है। अफसर ठेकेदारों से मिलकर बाल विकास योजना को पलीता लगा रहे हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।
उज्जैन में एएसपी और सीएसपी ने की पीएचई के सब-इंजीनियर की पिटाई

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने उज्जैन शहर में महाशिवरात्रि के दिन पीएचई के उपयंत्री के साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एवं सर्कल पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) द्वारा मारपीट किये जाने के संबंध में संज्ञान लिया है। घटना के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन डयूटी पर लगे पीएचई विभाग के उपयंत्री खुमान सिंह डामोर अन्य कर्मचारियों के साथ चार धाम मंदिर के पास श्रृद्धालुओं को पानी पिला रहे थे, तभी एएसपी आकाश भूरिया और सीएसपी ओमप्रकाश सोलंकी ने खुमान सिंह के साथ मारपीट कर दी। जिसकी शिकायत खुमान सिंह ने महाकाल थाने में की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। इससे पीएचई के अधिकारियों व कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया और कहा कि यदि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई, तो उज्जैन शहर की पेयजल व्यवस्था ठप्प कर दी जायेगी। मामले ने आयोग ने पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन पुलिस रेंज से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है।

25 स्कूली बच्चों पर मधुमक्खियों का हमला

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मंडला जिले के बिछिया में स्कूली बच्चों पर मधुमक्खियों के हमले से लगभग 25 बच्चों के घायल हो जाने के संबंध में संज्ञान लिया है। सभी प्रभावित बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुचाया गया जहां सभी को प्राथमिक उपचार देकर घर पहुचा दिया गया। जानकारी के अनुसार बिछिया के विद्या ज्योति स्कूल परिसर में कई दिनों में मधुमक्खी का छत्ता लगा था। बीते मंगलवार को इन्हीं मधुमक्खियों ने 25 बच्चों को डंक मार दिये। बच्चों ने शरीर में तेज जलन होने की शिकायत की, तो उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। बीएमओ बिछिया ने बताया कि बच्चों को कोई भी गंभीर समस्या नहीं हुई। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी, मंडला से प्रकरण की जांच कराकर बच्चोें की सुरक्षा हेतु विद्यालय परिसर में लगे मधुमक्खी के छत्ते के निवारण के संबंध में उचित कार्यवाही कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
                                      
खंडवा जिले के खालवा के कोठा गांव में आदिवासी पंच की पीट-पीटकर हत्या

मप्र मानव अधिकार आयोग ने खंडवा जिले के खालवा के ग्राम कोठा में आदिवासी वर्ग से पंच फूलचंद पिता टंेडे कोरकू की चुनावी रंजिश के चलते इसी गांव के रामू यादव, दुर्गालाल व मयाराम यादव समेत अन्य लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना से आक्रोशित परिजनों व समाज के लोगों ने जनपद तिराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। परिजन व समाज के लोग इतने अधिक आक्रोशित थे कि मुक्तिधाम के बजाय उन्होंने आरोपियों के घर के आंगन में ही फूलचंद का अंतिम संस्कार कर दिया। एसपी खंडवा का कहना है कि आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है। हत्याकांड की जांच जारी है। अन्य आरोपियों के नाम आने पर उन्हें भी एफआईआर में शामिल कर लिया जायेगा। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, खंडवा से प्रकरण के संबंध में प्रतिवेदन तलब किया है।
 
स्कूल बस पलटी, चपेट में आई गर्भवती के शिशु की मौत, दो छात्राएं भी चोटिल हुईं

मप्र मानव अधिकार आयोग ने ग्वालियर शहर की कैंसर पहाडी से कंपू आ रही एक स्कूली बल के पलट जाने सेे एक गर्भवती महिला के चपेट में आने से उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो जाने तथा दो स्कूली छात्राओं के चोटिल होे जाने के मामले में संज्ञान लिया है। जानकारी के अनुसार ग्वालियर के सिरोल स्थित पल्र्स वेली स्कूल की बस पलट गई। हादसे में दो मासुम बच्चियां चोटिल हो गईं। इसी दौरान सड़क पर गर्भवती महिला का पैर पूरी तरह से र्डैमेज हो गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी कोख में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, ग्वालियर से प्रतिवेदन तलब किया है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में आवेदन लगाने पर भृत्य को मिला एरियर राशि का भुगतान
मप्र मानव अधिकार आयोग में आवेदन लगाने पर एक शासकीय सेवक (भृत्य) को एरियर राशि का भुगतान कर दिया गया है। मामला दमोह जिले का है। जनपद पंचायत कार्यलय, दमोह में भृत्य के पद पर पदस्थ श्री कल्याण सिंह ने आयोग में आवेदन लगाया था कि वह जनपद पंचायत कार्यालय, दमोह में पहले अंशकालिक पद पर अस्थायी सफाईकर्मी के रूप में कार्य कर रहा था। 31 दिसम्बर 1994 से वह भृत्य के रूप में कार्यरत् है। उसे दो जनवरी 2017 से नियमित कर दिया गया है। शासन के आदेशानुसार दैनिक वेतनभोगी को दस वर्ष की सेवा उपरांत पांच सौ रूपये तथा बीस वर्ष की सेवा उपरांत एक हजार रूपये मानदेय बढ़ाकर दिया जाना था, जिसका लाभ उसे नहीं दिया गया है। उसे एक जून 2014 से भृत्य का पद रिक्त होने के उपरांत दो जनवरी 2017 से नियमित किया गया है। अतः उसे एक जून 2014 से आवेदन दिनांक तक का एरियर दिलाया जाये। आवेदन मिलने पर आयोग ने प्र.क्र. 6147/दमोह/2022 दर्जकर कलेक्टर दमोह से प्रतिवेदन मांगा है। अंततः कलेक्टर दमोह ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि आवेदक को दस वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर उसे पांच नवम्बर 2009 से पांच अक्टूबर 2010 तक की अवधि का पांच सौ रूपये प्रतिमाह की दर से 47 माह का 23 हजार 500 रूपये भुगतान किया जा चुका है। दस वर्ष से अधिक अवधि उपरांत तीस मई 2013 से एक हजार सौ रूपये प्रतिमाह की दर से मानदेय का भुगतान मासिक वेतन के साथ किया गया है। जनपद पंचायत, दमोह की सामान्य प्रशासन स्थाई समिति द्वारा दो जनवरी 2017 से उसकी नियुक्ति भृत्य के रिक्त पद पर स्थाई रूप से नियुक्ति कर दी गई है। इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की रिट पिटीशन के आदेश का पालन भी किया जा चुका है। आयोग ने आवेदक से प्रतिक्रिया प्राप्त की। आवेदक ने प्रकरण का निराकरण हो जाने की पुष्टि की है। चूंकि आवेदक की समस्या का निदान हो चुका है, अतः आयोग में भी यह मामला अब समाप्त कर दिया गया है।