हाॅस्टल के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से जवाब मांगा : भोपाल

हाॅस्टल के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से जवाब मांगा : भोपाल

भोपाल/ मप्र मानव अधिकार आयोग ने डिंडौरी जिले में अजा हाॅस्टल के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने तथा पन्ना जिले में एक स्कूल में प्रार्थना करने के दौरान आठ छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के मामले में संज्ञान लिया है। डिंडौरी जिले के तहसील मुख्यालय शहपुरा क्षेत्र के अंतर्गत स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास में रहकर उत्कृष्ट विद्यालय में कक्षा ग्यारहवीं पढ़ने वाले छात्र अभिलाष झारिया की बीते शुक्रवार को संदिग्ध स्थितियों में मौत हो गई। बीईओ ने बताया कि छात्रावास में सुबह कुछ छात्र गर्म पानी से नहाकर निकले, तो अभिलाष बेहोश हो गया उसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया, लेकिन कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। इधर पन्ना जिले के शाहनगर के पुरैना हाईस्कूल में प्रार्थना के दौरान एक-एक कर अचानक आठ छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई। इन छात्राओं को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि छात्राओं की तबीयत किन कारणों से बिगड़ी। बहरहाल, मामले में आयोग ने कलेक्टर डिंडौरी तथा कलेक्टर पन्ना से जवाब मांगा है।

साथ ही आयोग ने दो अन्य मामलो में सबंधितो से जवाब माँगा है

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तीन मामलों में संज्ञान लिया है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने संज्ञान लेकर संबंधित विभागाधिकारियों से समय-सीमा में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में भोपाल टाकीज चौराहा और इसके आसपास क्षेत्र में एक्सपायरी डेट निकल जाने के बाद भी खाने पीने का सामान बेचकर नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किये जाने की एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भोपाल टाकीज चौराहा और इसके आसपास क्षेत्र में क्रिसमस से पहले खाने पीने के कई आइटम खुले में रखे हैं। इनमें से ज्यादातर पर या तो तारीख नहीं है या फिर इसके इस्तेमाल की डेट ही निकल चुकी है। बावजूद इसके यहां खाने पीने का सामान खरीदने वाले भी बड़ी संख्या मेें पहुंच रहे है। जबकि तथ्य यह है कि इस्तेमाल करने की तारीख निकल जाने के बाद उसके तत्व बदलने लगते हैं और यह मानव स्वास्थ्य के लिये घातक होते है। मामले में आयोग ने कलेक्टर भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के प्रमुख विश्राम घाटों में से एक सुभाष नगर विश्राम घाट तक पहुंचने का एक मार्ग सालों से खराब होने के कारण अंतिम यात्रा में यहां तक पहुंचने वालों को भारी परेशानी का सामना करने के मामले में संज्ञान लिया है। हालात यह है कि सुभाष नगर विश्राम घाट के आसपास की पूरी सड़क जर्जर हो चुकी है फिर भी भेल प्रशासन और लोक निर्माण विभाग यहां सड़क नहीं बना रहा है। मामले में आयोग ने मुख्य अभियंता, मप्र लोकनिर्माण विभाग, भोपाल तथा महाप्रबंधक, भेल भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में जवाब मांगा है।