अंगुलियों की छाप नहीं आने के चलते आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क उपचार के तहत भर्ती करने से इंकार कर दिया आयोग ने संज्ञान लेकर संबंधित से जवाब तलब किया

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अंगुलियों की छाप नहीं आने के चलते आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क उपचार के तहत भर्ती करने से इंकार कर दिया आयोग ने संज्ञान लेकर संबंधित से जवाब तलब किया

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने तीन मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।

भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर में झुलसी अंगुलियों की छाप से छिन रहा निःशुल्क उपचार संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मामला कुछ यूं है कि भोपाल शहर के एकता नगर निवासी अकसानी बी के घर में 22 दिसम्बर को आग लग गई थी। आग बुझाने के दौरान बारह वर्षीय बालक अयान बुरी तरह झुलस गया। परिजन उसे लेकर संत हिरदाराम नगर स्थित बड़े निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने घायल अयाने की अंगुलियों की छाप नहीं आने के चलते आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क उपचार के तहत भर्ती करने से इंकार कर दिया। इसके बाद परिजन उसे लेकर कमला नेहरू अस्पताल आये, लेकिन यहां भी अंगुलियों की छाप नहीं आने के चलते आयुष्मान का लाभ नहीं मिल पाने के कारण दवाएं एवं उपचार सामग्री आदि बाहर से लानी पड़ रही है। कमला नेहरू अस्पताल में नौ व्यक्ति ऐसे ही हैं, जिनके अधिक झुलसे होने के चलते अंगुलियों की छाप नहीं आ पा रही है, जिस कारण पीड़ितों को निःशुल्क उपचार नहीं मिल पा रहा है। मामले में आयोग ने संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र, भोपाल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आयुष्मान योजना, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर बताये गये पीडितों एवं ऐसे ही अन्य पीड़ितों की समस्या के समाधान के लिये की गई कार्यवाही का 15 दिन में प्रतिवेदन तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने नर्मदापुरम् जिले के बनखेड़ी के ग्राम खरसली में रात भर मकान में पड़ी रही जली हुई लाशों को पुलिस द्वारा हाथ नहीं लगाने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नर्मदापुरम् जिले के बनखेड़ी के ग्राम खरसली में बीते शनिवार को देर रात एक झोपड़ी में आग लग जाने से वृद्ध दंपत्ति जिंदा जल गये। पुलिस की संवेदनहीनता देखिये कि इस हादसे में मृतकों को पुलिस ने हाथ तक नहीं लगाया, अपितु ग्रामीणों ने ही उनके शवों को गमझे से ढ़ककर सुरक्षित रखा। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, नर्मदापुरम् से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही का तीन समप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है।

मप्र मानव अधिकार आयोग ने विदिशा जिले के ग्राम बावईखुर्द में लकड़बग्घा के हमले से दो महिलायें घायल होने के मामले में संज्ञान लिया है। दसअसल, विदिशा जिले के ग्राम बावईखुर्द में बीते मंगलवार की दोपहर गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन बन राह था, तभी गांव के अंदर एक लकड़बग्घा घुस आया। लकड़बग्घे ने गावं की महिला ज्ञान बाई का हाथ काट लिया। वहीं स्कूल से मध्यान्ह भोजन लेकर जा रही नन्हीं बाई विश्वकर्मा पर हमला कर उसे भी घायल कर दिया। ग्रामीणों ने एकत्रित होकर लकड़बग्घे पर लाठियां मारकर महिला को मुक्त कराया। घायल महिलाओं को निकट के खुरई अस्पताल में इलाज हेतु ले जाया गया। वहां से एक महिला नन्हीं बाई विश्वकर्मा की हालत गंभीर होने तथा उसके हाथ में फैक्चर होने से जिला अस्पताल सागर इलाज हेतु भेजा गया। मामले में आयोग ने जिला वन अधिकारी (डीएफओ) से तीन समप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है। साथ ही यह भी कहा है कि पीड़ित महिलाओं को आर्थिक मुआवजा राशि प्राप्त कर सकने एवं क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा के लिये किये गये उपायों/सावधानियों के संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन भेजा जाये।