समस्याओं का अंबार बना सिविल हाॅस्पिटल नागदा अव्यवस्थाओं के कारण आयोग ने लिया संज्ञान
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समस्याओं का अंबार बना सिविल हाॅस्पिटल नागदा अव्यवस्थाओं के कारण आयोग ने लिया संज्ञान
भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी ने ’पांच मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।
दो साल से बंद 22 लाख से बने एफओबी की लिफ्ट
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने भोपाल शहर के जिला कलेक्ट्रेट परिसर के सामने बने फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) के दोनों तरफ की लिफ्ट दो साल से बंद होने के कारण कलेक्ट्रेट भोपाल पंहुचने वाले बुजुर्गो को अत्यधिक परेशानी होने के मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिर्पोट के मुताबिक 50 सीढ़िया चढ़ने और उतरने में बुजुर्गो की सांसे फूल जाती हैं। बीते गुरूवार को एक 60 वर्षीया बुजुर्ग महिला अपनी पेंशन का काम कराने के लिये कलेक्ट्रेट पंहुची, लेकिन लिफ्ट बंद होने के कारण उन्हें सीढ़ियां चढ़नी पड़ी। इससे बुजुर्ग महिला की सांस इतनी फूल गई, कि वह किसी को अपना नाम भी नहीं बता पा रहीं थीं। एफओबी से रोजाना दो हजार लोग कलेक्टेªट में आवाजाही करते हैं। मामले में आयोग ने कलेक्टर भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।
खेत में सो रहे किसान का उठा ले गया बाघ, आधा शव मिला
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व से लगे बुरहानपुर जिले के देड़तलाई क्षेत्र में बाघ द्वारा एक किसान पर हमला कर उसे मार देने के मामले में संज्ञान लिया है। किसान का शव बीते गुरूवार को उसके खेत से 100 फिट की दूरी ताप्ती नदी के किनारे मिला। बाघ किसान का आधा शव खा चुका था। परिजनों को आधा शव ही मिला। बाघ के हमले के बाद क्षेत्र में दहशत फैली है। मामले में आयोग ने कलेक्टर तथा वन मंडलाधिकारी, बुरहानपुर से 15 दिन में जवाब मांगा है। आयोग ने इन दोनों अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मृतक के परिजन को मुआवजा राशि दिये जाने के संबंध में एवं क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन भी दें।
मध्यान्ह भोजन के बाद प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी के बच्चे हुये बीमार
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बैतूल जिले के घोड़ाडोगरी ब्लाक के उमरी गांव में बीते बुधवार को मध्यान्ह भोजन करने के बाद प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के बीमार हो जाने और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती हो जाने के संबंध में संज्ञान लिया है। बीएमओ ने बताया कि प्राथमिक शाला के 17 और आंगनबाड़ी के 5 बच्चे बीमार हैं, उनका उपचार हो रहा है, सभी की हालत ठीक है। प्रशासन ने प्राथमिक शाला व आंगनबाड़ी केन्द्र में परोसे गये मध्यान्ह भोजन के सैम्पल ले लिये हैं। मामले ने आयोग ने कलेक्टर बैतूल से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
पेयजल की समस्या से जूझ रहे वार्डवासी
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नगर पालिका परिषद, अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 14 रामजानकी मंदिर (जकीरा) के पास स्थित एकमात्र हैंडपंप के कई दिनों से खराब होने के कारण वार्डवासियों को पेयजल की भारी समस्या से जूझने को मजबूर होने के मामले में संज्ञान लिया है। वार्डवासियों ने सभी से अपील की है कि हैंडपंप की तत्काल मरम्मत कराई जाये, पर अब तक हैंडपंप खराब ही पड़ा है। मामले में आयोग ने कलेक्टर अनूपपुर से प्रकरण की जांच कराकर कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
समस्याओं का अंबार बना सिविल हाॅस्पिटल नागदा
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने उज्जैन जिले के नागदा शहर में स्थित सिविल हाॅस्पिटल में भारी अव्यवस्थाओं के कारण नागरिकों को समुचित उपचार न मिलने के मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में प्रकाशित मीडिया रिर्पोट के मुताबिक सिविल हाॅस्पिटल में अव्यवस्थाओं के कारण सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं परेशान होती हैं। यहां एनेस्थेसिया देने वाला एक भी डाॅक्टर मौजूद नहीं है। हाॅस्पिटल में पदस्थ महिला डाॅक्टर शहर में ही खोले गये अपने निजी क्लीनिक में सेवाएं देती हैं। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उज्जैन से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन तलब किया है।
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