युवा नीति संबंधी जिला स्तरीय कार्यशाला में जन अभियान परिषद की ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण सुझाव रखा : रतलाम
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युवा नीति संबंधी जिला स्तरीय कार्यशाला में जन अभियान परिषद की ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण सुझाव रखा : रतलाम
रतलाम। जिले के ग्राम बदनारा के युवा योगेश मालवीय ने कलेक्टर कार्यालय रतलाम में मध्यप्रदेश प्रस्तावित युवा नीति संबंधी जिला स्तरीय कार्यशाला में एक महत्वपूर्ण सुझाव रखा जो शिक्षा में गुणात्मक सुधार से संबंध्द था। जिसमे मालवीय ने बताया कि शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति में सुधार अति आवश्यक हैं। योगेश मालवीय ने बताया की शिक्षक का स्थानांतरण की प्रक्रिया ओर टाईमिंग में बदलाव होना चाहिए। जैसे की अगर शिक्षक का स्थानांतरण चालु शैक्षणिक वर्ष में होता तो उससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होती हैं।
क्योंकि शैक्षणिक सत्र के दौरान किसी शिक्षक का स्थानांतरण होता है ओर उनके स्थान पर नए शिक्षक जो कि स्थानांतरिती होकर आए हैं वे पढाई सुचारु करवाते हैं तो उससे विद्यार्थी की पढ़ाई में दिक्कत आएगी क्योंकि जो वर्तमान में शिक्षक पढ़ा रहे हैं उनका पढ़ाने का तरीका और जो नए शिक्षक आएंगे उनका पढ़ाने का तरीका अलग रहता है जिससे विद्यार्थियों को समझने में बहूत दिक्कत आएगी और विद्यार्थी की पढ़ाई खराब होगी इसलिए शिक्षक का स्थानांतरण ग्रीष्मकालीन छुटिया में हो और शैक्षणिक सत्र के दरमियान स्थानांतरण नहीं हो। अगर यह नियम लागू होता है तो इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में बहुत सहुलियत रहेगी और विद्यार्थी को कोई दिक्कत नही आएगी ।
छात्र योगेश मालवीय ग्राम बदनारा में निवासरत होकर जनअभियान परिषद की ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष है, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलपांक में कक्षा १२ वीं में अध्ययनरत हैं।इस दौरान समिति बैठक में एसडीएम कृतिका भीमावत, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती जमुना भीड़े, जनपद सदस्य सुरेश पाटीदार आदि उपस्थित थे।
एक्सपर्ट व्यु-
१.स्थानांतरित विषय शिक्षक के स्थान पर उसी विषय से आए यह भी संभव नहीं हैं।
साथ ही नवीन शिक्षक की पदस्थापना और पदच्युत की प्रक्रिया में भी बहुत अधिक समय लगता हैं जो सीधे तौर पर छात्र हित में क़तापि नही हैं।
२. स्थानांतरण यदि किया जाना हाई हैं तो प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मक़ालीन अवकाश में उसे लागु किया जाकर शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व समस्त प्रक्रियाऐं शिक्षा विभाग द्वारा पूर्ण कर ली जानी चाहिए।
३. जहाँ एक परिसर एक शाला हैं वहाँ पर पहले यह देख किया जाए की एक साथ अधिकतम शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया जाए और यदि अतिआवश्यक हैं तो उनकी पूर्ति भी उसी गुणात्मक रूप से होना चाहिए।