21 सूत्रीय मांगो को लेकर राजपूत करणी सेना का जन आंदोलन
Rajput Karni Sena, Madhya Pradesh,Ratlam,
21 सूत्रीय मांगो को लेकर राजपूत करणी सेना का जन आंदोलन
रतलाम। करणी सेना द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुनः समीक्षा व एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में 21 सूत्रीय मांगों को लेकर महारैली एवं जन आंदोलन किया जा रहा है। जिसके चलते करणी सेना ने सर्व समाज से एक पोस्टर जारी कर निवेदन किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पधारकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने ली अपील की है।
पढ़े ये है करणी सेना की प्रमुख मांगे :
1. आरक्षण का आधार आर्थिक किया जावे, ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जावे।
2. SC, ST एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे।
3. SC, ST एक्ट की तर्ज पर सामान्य पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे।
4. EWS आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर 8.00 लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण का लाभ दिया जावे। सभी भर्तियों में EWS के छात्रों को उम्र सीमा में छूट एवं छात्रवृत्ति भी प्रदान की जावे।
5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात् शेष बचे हुए EWS वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ EWS वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जाये। EWS के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जावे।
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51000 पदों पर न्यायसंगत रोस्टर के साथ भर्ती की जावे व माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सा. विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जावे।
7. भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाल जाए) व्यापम के 1 लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को वे रोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए।
8. एमपीपीएससी की 2019, 20, 21 की भर्तियाँ संवैधानिक रूप से पूर्ण करो व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल करो।
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जावे। राज्य सरकार द्वारा दी गई 3 वर्ष की छूट की समयावधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष की जावे।
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाये।
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों का लागू किया जावे ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके व रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जावे। रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान है इसमें निजात दिलाने के लिये उचित कार्य योजना बनायी जावे ।
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें ) को GST से मुक्त किया जावे तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगायी जावे।
13 क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरन्त रोका जाये, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे।
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जावे।
15. राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाई जावे।
16. गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जावे व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें एवं गोबर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें ताकि गौ पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े।
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिये जावे।
18. म.प्र. की भर्तियों में यहाँ के युवाओं को प्राथमिकता दी जावे अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो ।
19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जावे। कर्मचारियों की पेंशन पुनः चालू की जावे।
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जावे।
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्रायवेट स्कूलों की भाँति किया जाय ताकि छात्र प्रायवेट स्कूलों की तरफ ना भागे व प्रायवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जावे।
अपनी प्रमुख मांगे को रखते हुए करणी सेना, समस्त राजपूत संगठन व सर्वसमाज (म. प्र. ) और टीम जीवन सिंह शेरपुर द्वारा पोस्टर जारी कर समाजजनों से बड़ी संख्या में शामिल होकर विरोध दर्ज करने की अपील की है।