पार्टी से नाराज़ जिला अध्यक्ष अधिवक्ता जहीरुद्दीन ने राजनीति से संन्यास की बात कही : MP Election 2023

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पार्टी से नाराज़ जिला अध्यक्ष अधिवक्ता जहीरुद्दीन ने राजनीति से संन्यास की बात कही : MP Election 2023
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पार्टी से नाराज़ जिला अध्यक्ष अधिवक्ता जहीरुद्दीन ने राजनीति से संन्यास की बात कही : MP Election 2023

रतलाम@हमारे अधिकार न्यूज़, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के जिला अध्यक्ष अधिवक्ता जहीरुद्दीन ने रतलाम शहर से विधानसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी की थी परन्तु पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर जिलाध्यक्ष के समर्थक अब नाराज़ होने लगे है जिस पर अध्यक्ष द्वारा राजनीति से सन्यास लेने की इच्छा जाहिर की आपको बता दे की अधिवक्ता जहीरुद्दीन बीते निगम चुनाव में भी एनसीपी से प्रत्याशी थे और उनके द्वारा चुनाव निर्णय के समय शहर की जनता सहित सभी राजनितिक दलों को चुकाने वाले परिणाम दिए थे जिस पर राजनीतिक गलियारों में अधिवक्ता जहीरुद्दीन का नाम शुमार होने लगा था पार्टी के आश्वाशन के बाद भी अब तक कोई ठोस निर्णय नही होने के बाद रतलाम ही नही प्रदेश के कई जिलो के कार्यकर्ता पार्टी से अब नाराज़ नज़र आने लगे है जिसका खामियाजा पार्टी को आगे चलकर भुगतना हो सकता है अब आगे यह जानना रोचक होगा की पार्टी के लिए इतने कड़े परिश्रम से कार्य करने वाले प्रतयाशियो पर पार्टी अब क्या निर्णय लेगी

अधिवक्ता जहीरुद्दीन वकील होने के साथ साथ  रतलाम शहर में जन हीत में कार्य करने के लिए अल्पसंख्यक चेहरा लेकर व सभी समाज व आमजन और साधारण व्यक्तिगत चेहरा लेकर राजनीति में उतरे थे जिनका मुख्य उद्देश्य गरीब व पिछड़े वर्ग को उनका हक दिलाना व उनके समर्थन में आवाज़ बुलंद करना था 

अधिवक्ता जहीरुद्दीन आम जन को लेकर राष्ट्र स्तर पर शहर की प्रमुख और बड़ी कंपनी इप्का लेबोरटरी से निकलने वाले गंदे पानी को लेकर भी आवाज़ बुलंद कर चुके है जिस पर राष्टीय स्तर पर जांच कमिटी गठित होकर जांच जारी है अब देखना यह है की आम जन की यह लड़ाई कहा तक पहुँच पाती है या रास्ते में ही किसी बड़े स्तर की राजनीति का शिकार हो जाती है

इसी के साथ एक और दुसरे मुद्दे को लेकर भी जहीरुद्दीन अधिवक्ता नाम काफी चर्चाओ में रहा जब विनीता लौड़ा जो की रतलाम जिले की पूर्व महिला एवं बाल विकास अधिकारी रही थी जिन पर अधिवक्ता जहीरुद्दीन द्वारा शिकायत कर अपने पद का दुरूपयोग का आरोप लगाया था

इसी प्रकार अपने जनहित कार्यो को देखते हुए अधिवक्ता जहीरुद्दीन द्वारा शहर के प्रमुख आरोग्यं हॉस्पिटल को भी आड़े हाथो लिया था जिसमे एक नाबालिग बच्चे को डोक्टर व हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण मशीन  झुलसकर गंभीर घायल होना पढ़ा था जिसका प्रकरण मानव अधिकार आयोग ने पंजीबध किया था

अधिवक्ता जहीरुद्दीन के जनहित कार्यो को देखते हुए  यह कहना गलत नही होगा की अधिवक्ता जहीरुद्दीन ने अपने राजनीतिक कर्तव्यों का निर्वहन कर बगैर किसी पद के होते हुए भी जनता की सेवा की है 

सभी कार्यो को देखकर लगता है की पूर्व की चुनावी रणनीति को देखकर और अधिवक्ता जहीरुद्दीन के किये कार्यो को लेकर शायद राजनीतिज्ञ गलियारे में जहीरुद्दीन का नाम आने ही नही देना चाहते जिससे त्रस्त होकर पार्टी पर भी कई सवालिया निशान खड़े होते है

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