माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशांे के अनुपालन में तथा श्रीमान् राकेश मोहन प्रधान, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम के मार्गदर्शन एवं अरूण श्रीवास्तव, जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम के निर्देशन पर दिनांक 24 से 26 अगस्त 2023 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राकेश कुमार गुप्त, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय एवं श्री डी. एस. चौहान, विशेष न्यायाधीश, रतलाम द्वारा मॉ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
प्रथम दिवस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित पैरालीगल वालेंटियर को विद्यमान प्रशिक्षकों द्वारा अलग-अलग विषय पर प्रशिक्षित किया गया, जिसका विवरण निम्नानुसार है- श्री आर. के. गुप्त, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय रतलाम द्वारा अपने उद्बोधन में फैमिली लॉ-हिन्दू विवाह अधि. मुस्लिम विवाह अधि., दत्तक ग्रहण भरण-पोषण, कस्टडी एवं गार्जियनशिप, न्यायिक पृथक्करण एवं तलाक, संपत्ति विधि-वसीयत, संपत्ति का अंतरण संबंधी प्रावधान, पंजीयन के बारे में प्रशिक्षण दिया।
श्री योगेन्द्र कुमार त्यागी, चतुर्थ जिला न्यायाधीश रतलाम ने अपने उद्बोधन में बालकों से संबंधित कानून-किशोर न्याय अधिनियम, बालश्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986, कारखाना अधिनियम 1948, बाल विवाह प्रतिषेध अधि0 2006, पाक्सो अधि0 2012 के बारे में जानकारी दी।
श्री कृष्णा अग्रवाल, स्पेशल रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा भारतीय संविधान प्रस्तावना, मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य आपराधिक विधि-एफआई, 138 एनआई एक्ट, गिरफ्तारी, जमानत, अभियुक्त के अधिकार, महिलाओं संबंधी आपराधिक विधि के प्रावधान के बारे में विस्तार से स्लाईडों के माध्यम से बताया।
श्रीमती बार्बी जुनेजा अग्रवाल, प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याय बोर्ड, रतलाम द्वारा वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के उद्देश्य कार्य एवं प्रक्रिया आदि के बारे में विस्तार से बताया।
श्रीमती ज्योति राठौर, व्यवहार न्यायाधीश, रतलाम द्वारा महिलाओं संबंधी कानून-घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेसी एक्ट 1971, पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994, आईपीसी एवं सीआरपीसी के प्रावधान आदि के बारे में जानकारी दी गई।
श्री भूपेन्द्र कुशवाह एवं श्री अंबर श्रीवास्तव, प्रशिक्षु न्यायाधीश द्वारा सामूहिक रूप से लोकोपयोगी अधिनियमों के व्यवहारिक प्रावधान जैसे-उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण अधि0 आदि।
श्री लक्ष्मण सिंह भदौरिया, जेल अधीक्षक, रतलाम द्वारा जेल में निरूद्व बंदियों के संबंध में जानकारी एवं उनके अधिकार के बारे में विस्तार से बताया।
श्री प्रेम चौधरी, जिला संयोजक चाईल्ड लाईन द्वारा समेकित बाल संरक्षण योजना, चाइल्ड लाईन 1098 आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।
सुश्री पूनम तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की योजनाओं के बारे में बातया एवं कार्यक्रम का संचालन तथा आभार व्यक्त किया।