CM Help Line और स्वच्छ भारत अभियान को तार तार कर रहा है निगम ! जमीनी हकीकत से अनजान सरकार ! मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन : MP NEWS
mp news hindi, latest news hindi, breaking news hindi, live news hindi, today news hindi, nagar nigam ratlam, municipal corporation ratlam, seawarage scam ratlam, seawrage ghotala ratlam, trending news hindi,
CM Help Line और स्वच्छ भारत अभियान को तार तार कर रहा है निगम ! जमीनी हकीकत से अनजान सरकार ! मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन : MP NEWS
रतलाम@हमारे अधिकार न्यूज़, रतलाम नगर पालिका निगम CM Help Line का मजाक बना रही है और विपक्ष को मुद्दे दे रही है एसा ही एक और मामला सामने आया है जिसमे हुसैन खान द्वरा 6 महीने पहले एक शिकायत CM Help Line पर दर्ज कराइ थी जिसका नंबर 20512592 पर दर्ज है जिसमे उनका कहना था की पिने के पानी में अजीब सेप्टी टैंक के पानी जेसी बदबू आती है जिसकी शिकायत पत्रकार हुसैन खान द्वारा 6 माह पूर्व निगम कमिश्नर रतलाम को कराई थी जिसमे 6 महीने तक कोई कार्यवाही नही होने पर तत्पश्चात CM Help Line पर शिकायत दर्ज कराइ थी इस तरह इस शिकायत को पूरा एक साल (One Year) होने को आया है लेकिन अधिकारियो द्वरा इस शिकायत का कोई निराकरण नही किया गया पानी जेसी मुलभुत सुविधा की शिकायत का निराकरण कुछ दिनों में ही हो जाना चाहिए था उस शिकायत को पूरा एक साल होने आया है अफ़सोस की बात तो यहा की CM Help Line जो की मध्य प्रदेश के सीएम ने विभिन्न मुद्दों पर सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से नागरिकों के लिए शुरू की थी। उस हेल्पलाइन में शिकायत को दर्ज हुए पुरे 6 महीने हो चुके लेकिन शिकायत का कोई निराकरण नही हुआ आखिर प्रदेश की जनता किससे उम्मीद रखे यदि CM Help Line जेसी चोबीसो घंटे उपलब्ध रहने वाले विभाग में ही शिकायतों के निराकरण में 6-6 महीने लगेंगे, एक प्रदेश की मुलभुत सुविधा होती पेयजल वही लोगो को सेप्टिक टैंक की गंधयुक्त पेयजल मिलना बेहद खतरनाक है, इससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। सेप्टिक टैंक को शौचालय, सिंक और अन्य घरेलू स्रोतों से अपशिष्ट जल एकत्र करने और उसका उपचार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस अपशिष्ट जल में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं जो हैजा,टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं विगत दिनों कोरोना जैसी घातक बिमारी के बाद देखा गया की देश प्रदेश में हेजा,टाइफाइड और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से कई लोगो की जान तक चली गयी है
पेयजल प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक सीवरेज का अनुचित निपटान है। सीवरेज में बैक्टीरिया, वायरस और रसायनों सहित कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ होते हैं, जो ठीक से इलाज न किए जाने पर पीने के पानी के स्रोतों को दूषित कर सकते हैं। पीने के पानी के प्रदूषण को रोकने के लिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सीवरेज सिस्टम ठीक से डिज़ाइन,स्थापित और बनाए रखा जाए। इसमें रुकावटों और रिसाव को रोकने के लिए सीवरेज सिस्टम की नियमित सफाई और रखरखाव शामिल है।
इसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान का भी बंटा ढाल कर रखा है रतलाम की सिल्वर इन कॉलोनी में सिवरेज लाइन डाली गई और उसे एक प्राइवेट प्रोपर्टी पर खुले में छोड़ दिया गया है जिससे सीवरेज की गन्दगी खुले में फेल रही और उसी के पास खेत में निर्मित कुए में वह गन्दगी जा रही है अब सवाल यहा है की इन सब परिस्थितयो के लिए जिम्मेदार कोन है इसके लिए हमें निगम की जिम्मेदारी को समझना होगा जिसका यहा कर्त्तव्य था की जब सिल्वर इन कॉलोनी को निगम को हैण्ड ओवर किया गया था तब निगम द्वरा कॉलोनी का कम्पलीटेशन सर्टिफिकेट केसे दे दिया गया इससे यहा स्पष्ट है की अधिकारियो द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन नही किया गया और इसी प्रकार शहर में कई जगह गन्दा पानी रोड पर आ रहा है और कई जगह सफाई भी नहीं हो रही है |
वही CM Help Line पर दर्ज लंबित शिकायत मैं क्या नगर निगम के आला अधिकारियों द्वारा संबंधित व्यक्ति की शिकायत पर संबंधित स्थान पर जो दूषित पानी प्रेषित किया जा रहा है उसका सैंपल लेकर दूषित पानी की टेस्टिंग कराई गई यदि यह टेस्टिंग नहीं कराई गई तो यह दुर्भाग्य है कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को निगम द्वारा तार तार किया जा रहा है
वही स्वच्छ भारत अभियान को भी पूरी तरह से निगम द्वारा लागू नहीं किया जा रहा है जहां सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर एक मिशन तैयार करती है कि भारत को स्वच्छ बनाना है वहां इस प्रकार निगम का कार्य जिसमें सिल्वर इन कॉलोनी के अंतर्गत सीवरेज लाइन को खेतों में छोड़ देना कहां तक सही है क्या भारत सरकार और राज्य सरकार के द्वारा चलाए जा रहे अभियान का यह अपमान नहीं है आखिर आला अधिकारी कब जागेंगे और कब भारत सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएंगे हमारे कानून निर्माता किसी कानून या योजना को बनाते समय हर एक छोटी से छोटी बात को ध्यान में रखते हैं
फिर कहां गलतियां हो जाती है, गलती होती इंप्लीमेंटेशन में जिसका पूरा भार कार्यपालिका पर रहता है और उसी कार्यपालिका का एक हिस्सा होती है नगर पालिका निगम उसी नगर पालिका निगम में से एक नगर पालिका रतलाम की है जो सरकार की योजनाओं को किस तरह से लागू कर रही है या उस पर किस प्रकार कार्य कर रही है वह भली-भांति सभी जानते हैं। क्या स्वच्छ पेयजल प्रदाय कर पा रही है नाही स्वच्छता अभियान के तहत सीवरेज के पानी को सड़कों पर बहने से, खेतों में बहाने से रोक पा रही है
जिस सविधान के अंतर्गत अधिकारियो की नियुक्ति होती है उस सविधान को “ हम भारत के लोग ” एदत द्वारा सविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, और आत्मार्पित करते है उन्ही लोगो का रतलाम में यह हाल है !
अब सवाल यह है कि इन सब परिस्थितियों के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है !