पूर्व जिला पंचायत सीईओ एवं महिला बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासन के साथ धोखाधड़ी शासकिय दस्तावेज नष्ट कर  फर्जी अलॉटमेंट के लिए न्यायालय में परिवाद पेश

Vinita Lodha,Former CEO Jila Panchayat,Ratlam,

पूर्व जिला पंचायत सीईओ एवं महिला बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासन के साथ धोखाधड़ी शासकिय दस्तावेज नष्ट कर  फर्जी अलॉटमेंट के लिए न्यायालय में परिवाद पेश
ACEO Vinita Lodha Advocate Jahiruddin

पूर्व जिला पंचायत सीईओ एवं महिला बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासन के साथ धोखाधड़ी शासकिय दस्तावेज नष्ट कर फर्जी अलॉटमेंट के लिए न्यायालय में परिवाद पेश 


रतलाम/हमारे अधिकार न्यूज,रतलाम जिले में बालिका गृह एवं स्वधार गृह संचालन के लिए शासन द्वारा विज्ञप्ति दिनांक 20.10.2010 को महिला एवं बाल विकास विभाग रतलाम द्वारा विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमे विभाग के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुवे धोखाधड़ी कर शासकीय दस्तावेज नष्ट फर्जी अलॉटमेंट कर दिया  जिसकी शिकायत अधिवक्ता जहीरूद्दीन द्वारा कलेक्टर रतलाम और एसपी रतलाम को की थी जिस पर जांच उपरांत कोई कार्यवाही नहीं होने के बाद सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अभय उपाध्याय द्वारा न्यायालय में परिवाद दाखिल किया जिसमे न्यायालय द्वारा परिवाद दर्ज किया गया और पूर्व जिला पंचायत सीईओ एवं महिला बाल विकास अधिकारी विनीता लोढ़ा, युवा ब्रिगेड युवा उत्थान समिति अध्यक्ष सुनील पूरी, युवा ब्रिगेड युवा उत्थान समिति सचिव सोना कुशवाह, महिला बाल विकास विभाग अधिकारी रतलाम और संचालक महिला बाल विकास विभाग भोपाल के खिलाफ परिवाद स्वीकार कर संबंधित से जवाब तलब किया है मामले की जानकारी देते हुए परिवादी सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अभय उपाध्याय एवं स्वयं परिवादी अधिवक्ता जहीर उद्दीन ने बताया की "निवेदिता बालिका गृह संचालक युवा ब्रिगेड युवा उत्थान समिति रतलाम जिसमें महिला बाल विकास विभाग रतलाम द्वारा जारी विज्ञप्ती जो कि ऐनेक्सर ए 01 के अनुसार प्रारूप 27 में आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया था, को बालिका गृह एवं स्वधान गृह संचालित करने हेतु अधिकृत कर दिया है जबकि विज्ञप्ती के पैरा क्रमांक 02 की अंतिम 02 लाईन में यह स्पष्ट लिखा गया है कि आवेदन प्रारूप 27 एवं दिये गये दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जावे अन्यथा आवेदन स्वतः निरस्त माना जायेगा इसके उपरांत भी वरिष्ठ अधिकारियों ने कथित निवेदिका बालिका गृह के संचालक श्री सुनिल पुरी व श्रीमती सोना कुशवाह से साठगांठ कर अपने पद का दुरूपयोग कर अनुचित लाभ उठाने के लिये शासन द्वारा स्थापित विधिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 167, 420, 120 बी, 477 (क) एवं 34 के अंतर्गत अपराध किया है जो आपराधिक कृत्य होकर दण्डनीय है।