भारत में आम आदमी के संवैधानिक मौलिक अधिकार क्या है जाने :  Constitutional Fundamental Rights

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भारत में आम आदमी के संवैधानिक मौलिक अधिकार क्या है जाने :  Constitutional Fundamental Rights
Constitution Of India Fundamental Rights

भारत में आम आदमी के संवैधानिक मौलिक अधिकार क्या है जाने :  Constitutional Fundamental Rights

मौलिक अधिकार भारतीय संविधान में संरक्षण के लिए दिए गए अधिकारों का एक समूह है जो भारत के नागरिकों को स्वतंत्रता समानता और अधिकारों का अधिकार प्रदान करता है। मौलिक अधिकार भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुसार संवेदनशील एवं न्यायाधीशीलता के आधार पर तैयार किए हैं।

भारत के मौलिक अधिकार निम्नलिखित हैं:

1. स्वतंत्रता से सम्बंधित मौलिक अधिकार: स्वतंत्रता के अधिकार नागरिकों को आजादी का अधिकार प्रदान करता है।

2. समानता से सम्बंधित मौलिक अधिकार: समानता के अधिकार सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसरों की पहुंच प्रदान करता है।

3. जीवन के लिए मौलिक अधिकार: जो भी व्यक्ति हैं उनका अधिकार जीवन के लिए संरक्षित है।

4. स्वतंत्रता और न्याय के लिए मौलिक अधिकार: स्वतंत्रता और न्याय के अधिकार नागरिकों को संरक्षण प्रदान करते हैं।

मौलिक अधिकार भारत में न्यायाधीशील संरक्षणप्रद और संवेदनशील हैं। हर भारतीय नागरिक को मौलिक अधिकार प्रदान किए जाने चाहिए।

भारत में आम आदमी के मौलिक अधिकार विशेष रूप से संबंधित हैं:

1. स्वतंत्रता: भारत में हर व्यक्ति को स्वतंत्रता की सुरक्षा मिलती है जिससे वह अपने आप को व्यक्तिगत राजनीतिक और मजबूत महसूस कर सकता है।

2. न्याय: भारत में सभी व्यक्तियों को समान न्याय का अधिकार है। वे किसी भी अन्य व्यक्ति या सरकार से न्याय की मांग कर सकते हैं।

3. स्वास्थ्य: हर व्यक्ति को भारत में स्वस्थ होने का अधिकार होता है। सरकार स्वास्थ्य के कारणों के लिए कई सभी योजनाएं तैयार करती है।

4. शिक्षा: सभी व्यक्तियों को भारत में शिक्षा का अधिकार होता है। सरकार ने शिक्षा के कुछ योजनाएं लागू की हैं जैसे कि बाल विकास योजना उत्कृष्टता के लिए हमारी योजना आदि।

5. खाना और पानी: सभी व्यक्तियों को खाना और पानी का अधिकार होता है। सरकार सारे देश में खाद्य सुरक्षा के लिए कुछ योजनाएं लागू करती है।

6. स्वतंत्र विचार: सभी व्यक्तियों को स्वतंत्र विचार करने का अधिकार होता है। भारत की संविधान में निर्दिष्ट है कि भारत में सभी लोगों को आजादी व्यक्ति के सभी अधिकार स्वतंत्रता और समानता के साथ से सम्बंधित होता हैं।

7. धार्मिक स्वतंत्रता: सभी व्यक्तियों को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार होता है। धर्म के अनुसार जीना जन्मना शादी करना धर्म बदलना धर्म अभ्यास करना आदि सभी के अधिकार हैं।

इन सभी मौलिक अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा हम सभी के लिए आवश्यक है जो देश में एक अच्छे जीवन की ट्रेन की तरह होते हैं।

मौलिक अधिकारों की मांग कई मुद्दों पर की जा सकती है। कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

1. जातिवाद: जातिवाद और जाति विभेद के समर्थन के विरोध में मौलिक अधिकारो की मांग की जा सकती है।

2. धर्मांतरण: किसी व्यक्ति का धर्मांतरण करने वालों के विरोध में भी मौलिक अधिकारों की मांग की जा सकती है।

3. भूमिहीनों के हक्कों की हिफाजत: भूमिहीनों के हक्कों को सुनिश्चित करने के लिए भी मौलिक अधिकारों की मांग की जा सकती है।

4. समलैंगिक विवाह: समलैंगिक विवाह को समर्थन करने वालों के विरोध में भी मौलिक अधिकारों की मांग की जा सकती है।

5. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए मौलिक अधिकारों की मांग की जा सकती है।

6. आजीविका में समानता: आजीविका में समानता के समरिक अधिकारों की मांग की जा सकती है।

भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों के लिए अधिकारी परिषद तथा संविधान सभा के माध्यम से स्पष्ट कर दिया गया है। सूचना का अधिकार भी मौलिक अधिकारों में से एक है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। जनवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रकरण में यह फैसला दिया कि सूचना का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। इस प्रकरण में तीन लोगों ने इस मामले में रैली आवेदन दायर किया था।

जस्टिस डीपक मिश्रा ने फैसले में यह कहा है कि सूचना का अधिकार इंसान के मौलिक अधिकार से संबंधित है। यह मौलिक अधिकार लोगों को उनके सार्वजनिक एवं निजी जीवन में योगदान करने में मदद करता है। जिस प्रकार सर्कार को लोकतंत्र के उपयोगकर्ता के लिए सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए उसी प्रकार सुविधाओं के लिए सूचना प्रदान करने का अधिकार भी आम लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।

इस निर्णय से सूचना का अधिकार को एक मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार किया गया है जो कि एक स्वतंत्र देश में लोगों के लिए स्वाभाविक है। इससे अब लोग अपने सार्वजनिक जीवन को रचने में जुटे सभी समाजों को समानता के साथ सहयोग देने के लिए स्वतंत्र होंगे।