आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, इंदौर का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया
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आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, इंदौर का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया
बिना पंजीयन के हाॅस्पिटल चलाने पर संचालक के विरूद्ध होगी सख्त वैधानिक कार्यवाही स्वास्थ्य संचालनालय, भोपाल ने आयोग को दिया प्रतिवेदन
भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग के प्रकरण क्र. 941/इंदौर/2021 में एक बड़ी कार्यवाही हुई है। इस प्रकरण में संचालनालय, स्वास्थ्य सेवायें, मप्र शासन ने मप्र मानव अधिकार आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, भंवरकुआं, मेन रोड़, इंदौर के संचालक को मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के अंतर्गत सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया। हाॅस्पिटल संचालक द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण/जवाब संतोषजनक न होने और उनके हाॅस्पिटल में मध्यप्रदेश नर्सिग होम अधिनियम के निहित प्रावधानों के तहत मरीज के इलाज में घोर लापरवाही बरते जाने के कारण आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, इंदौर का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, इंदौर द्वारा छह जनवरी 2023 को इस आशय का आदेश पत्र जारी कर आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक को आदेशित किया गया है कि वे तत्काल अपना हाॅस्पिटल तत्काल बंद कर सीएमएचओ, इंदौर को सूचित करें, अन्यथा बिना पंजीयन के हाॅस्पिटल संचालित पाये जाने पर उनके विरूद्ध सख्त से सख्त वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि मदीना नगर इंदौर निवासी आवेदक/शिकायतकर्ता मो. रफीक पिता शेख कासम ने आयोग में की शिकायत की थी कि उसके पुत्र समीर की दुर्घटना में आयी चोटों के इलाज के लिए उसे आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, इंदौर में भर्ती किये जाने पर, वहां एलोपैथी के किसी योग्य चिकित्सक द्वारा उसका इलाज नहीं किया गया, बल्कि अनुचित और अवैधानिक रूप से अस्पताल के संचालक द्वारा डयूटी पर लगाये गये होम्योपैथी डाॅ. अखिलेश मालवीय द्वारा उसका इलाज किया गया, जो कि आपातकालीन उपचार में बिलकुल भी दक्ष नहीं थे। ऐसे अयोग्य चिकित्सक की घोर उपेक्षा के कारण आवेदक/शिकायतकर्ता के पुत्र समीर (उम्र 14 वर्ष) की मृत्यु हो गई थी। उन्हें न्याय दिलाया जाये।
शिकायत मिलते ही आयोग ने संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, मप्र शासन, भोपाल, सीएमएचओ, इंदौर और डीआईजी, इंदौर से जवाब मांगा था। आयोग द्वारा मामले की निरंतर सुनवाई की गई। अंततः स्वास्थ्य संचालनालय, भोपाल द्वारा आयोग को इस आशय का प्रतिवेदन दिया गया है कि आनंद हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, इंदौर का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। चूंकि ऐसे आपराधिक प्रकरण का अंतिम निराकरण विधिनुसार सक्षम न्यायालय द्वारा ही किया जाना अपेक्षित है, इसलिये इस संबंध में आयोग ने अन्य कोई अनुशंसा या निर्देश नहीं दिये हैं। चूंकि अन्य अपेक्षित कार्यवाही राज्य शासन की ओर से ही होना है, अतः आयोग में इस प्रकरण की कार्यवाही अब इसी स्टेज पर समाप्त कर दी गई है।